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सुखद राज्य की कहानी

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एक दूर देश में, जहाँ हर दिन धूप खिलती थी, एक खुशहाल राज्य था। इस राज्य पर भालू बेरॉन का राज था, जो गहरे नीले रंग के, बहुत ही प्यारे थे। वह हमेशा निष्पक्षता और प्यार से शासन करते थे। बेरॉन राजा थे, लेकिन सबसे ज़्यादा उन्हें चाय पार्टियों और गले लगने का शौक था। उनकी शाही छड़ी शहद से भरी हुई थी, और उनका लंबा गले लगने का विश्व रिकॉर्ड था। बेरॉन के फर कितने फ़्लफ़ी हैं, इस से पता चलता था कि मौसम कैसा होगा।

राज्य में, सब कुछ फ़्लफ़ी था - बादल, पेड़, और यहाँ तक कि भेड़ भी। बेरॉन का सबसे अच्छा दोस्त था क्लोवर, जो एक गुलाबी रंग का पौधा था। क्लोवर हँसमुख था, और जब भी सूरज उसकी पत्तियों को गुदगुदी करता था, तो वह खिलखिला उठता था। क्लोवर सभी पौधों से बात कर सकता था, और हर दिन उसके सिर पर एक अलग फूल उगता था।

एक दिन, जब बेरॉन सुबह की चाय के लिए बैठे थे, तो उन्होंने महसूस किया कि उनके फ़र कुछ ज़्यादा ही फ़्लफ़ी हो गए हैं। “ओह-ओह,” बेरॉन ने कहा, “लगता है कुछ होने वाला है।”

तभी, राज्य में एक बड़ा सा साया पड़ गया। सूरज बुझ गया, और फ़ूलों ने अपनी खुशबू देना बंद कर दिया। क्लोवर बहुत चिंतित हो गया। “बेरॉन, कुछ तो गड़बड़ है! क्या हम पता लगा सकते हैं?”

बेरॉन ने अपना शहद वाला चम्मच उठाया। “हाँ, क्लोवर! हम पता लगाएंगे! चलो, पहले एक पहेली पार्टी करते हैं, शायद इससे मदद मिल जाए।”

सुखद राज्य की कहानी - Part 2

इसलिए, पूरे राज्य में पहेलियाँ लगाई गईं। सबने मिलकर उन्हें सुलझाया, लेकिन कोई भी रास्ता नहीं सूझा।

अगले दिन, बेरॉन और क्लोवर ने उस साये का पता लगाने के लिए यात्रा शुरू की। उन्होंने सबसे पहले घने जंगल में प्रवेश किया। जंगल में अजीबोगरीब जानवर रहते थे, जैसे कि एक ऐसा मेंढक जो केवल सितारों के बारे में ही बात करता था। उन्होंने एक ऐसी गिलहरी से भी मुलाकात की जो उल्टी हो गयी, और उसे अंतरिक्ष के बारे में सब कुछ पता था। गिलहरी ने कहा, “मुझे लगता है कि तारे और ग्रह पहले की तरह चमक नहीं रहे हैं।”

उन्होंने आगे बढ़ते हुए पाया कि कुछ फ़ूल मुरझा गए थे। क्लोवर को बहुत दुःख हुआ। “मुझे लगता है कि साया सूरज की रोशनी को रोक रहा है!”

उनकी यात्रा में, उन्होंने अंतरिक्ष-थीम वाली कई पहेलियाँ सुलझाईं। जैसे कि एक ऐसा तारा-मंडल जिसे सही जगह पर रखना था, या एक ऐसा ग्रह जो गायब था, जिसे खोजना था। बेरॉन और क्लोवर ने एक-दूसरे की मदद की, बेरॉन ने अपनी बुद्धिमानी से और क्लोवर ने अपनी चंचलता से।

अंत में, वे एक ऊँचे पहाड़ के पास पहुँचे। और उन्होंने उस साये का स्रोत देखा – एक उदास बादल!

बादल ने कहा, “मैं… मैं बस दुखी हूँ।”

सुखद राज्य की कहानी - Part 3

बेरॉन को समझ आ गया। “ओह, बादल, तुम्हें दुखी नहीं होना चाहिए! हम तुम्हारी मदद कर सकते हैं!”

बेरॉन को याद आया कि उनकी एक गुप्त कला है – छोटी-छोटी टोपी बुनना। उसने एक ख़ास कंबल बुना, जो बहुत बड़ा था। क्लोवर ने उस कंबल को ख़ुश फ़ूलों की खुशबू से भर दिया।

फिर, बेरॉन और क्लोवर उस उदास बादल के साथ अंतरिक्ष में गए!

अंतरिक्ष में, बादल की आँखें चमक उठीं। “वाह! तारे! ग्रह! क्या खूबसूरत है!”

बेरॉन और क्लोवर ने धीरे से बादल को खुशबूदार कंबल में लपेट दिया। बादल ख़ुश हुआ, और धीरे-धीरे हँसने लगा।

कंबल ने उसे सूरज से दूर उड़ा दिया। और बादल की खुशी से, आकाश फिर से चमक उठा! राज्य में गर्मी और रंग वापस आ गए। फूल फिर से खिल उठे, और उनकी खुशबू पूरी दुनिया में फैल गई।

राज्य में एक बड़ी चाय पार्टी हुई। बेरॉन, क्लोवर, और अब खुश बादल ने सभी के साथ जश्न मनाया। हर कोई जानता था कि दोस्त मिलकर कुछ भी हल कर सकते हैं, चाहे वह कितना भी बड़ा क्यों न हो।

Reading Comprehension Questions

Answer: भालू राजा का नाम बेरॉन था।

Answer: बादल उदास था क्योंकि वह अकेला था और सूरज की रोशनी को रोक रहा था।

Answer: यह कहानी हमें सिखाती है कि दोस्त मिलकर कुछ भी हल कर सकते हैं, चाहे वह कितना भी बड़ा क्यों न हो, और हमें दूसरों की मदद के लिए दयालु होना चाहिए।
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